जमीन के अंदर इन गुफाओं में स्टोर है लाखों टन कच्चा तेल, इमरजेंसी में आता है काम
Written By: श्रीराम शर्मा
Thu, Oct 15, 2020 08:00 AM IST
हमारे देश की अर्थव्यवस्था के पहिए को लगातार घुमाए रखने में कच्चे तेल का अहम रोल है. और यह भी सही है कि भारत अपनी कुल जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल अन्य देशों से इंपोर्ट करता है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक देश है. (Image- isprlindia.com)
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क्रूड ऑयल का स्टोर
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कच्चे तेल की खरीद
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कच्चे तेल की कीमत
इस साल अप्रैल-मई के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें नीचे चले जाने का लाभ उठाते हुए सरकार ने 1.67 करोड़ बैरल कच्चे तेल का भंडारण किया था. इस तेल की खरीद औसतन 19 डॉलर प्रति बैरल पर हुई थी. यह कीमत इस साल जनवरी में तेल की औसत 60 डॉलर प्रति बैरल की कीमत के मुकाबले काफी कम थी. (Image- isprlindia.com)
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तेल स्टोरेज क्षमता
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भारत में तेल स्टोर की क्षमता
भारत सरकार देश में तो तेल का स्टोरेज करती ही है साथ ही तेल को स्टोर करके रखने के लिए कई और देशों के साथ भी समझौता किया हुआ है. सरकार ने अबूधाबी नेशनल ऑयल कंपनी के साथ तेल भंडार करने का समझौता किया है. इस समझौते में किसी भी इमरजेंसी के दौरान भारत के पास इस स्टोर कच्चे तेल को इस्तेमाल करने का पहला अधिकार होगा. (Image- isprlindia.com)
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जमीन के अंदर स्टोर होता तेल
तेल को स्टोर करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में जमीन के अंदर बड़ी भारी क्षमता वाली गुफाएं हैं. देश में इमरजेंसी समय के लिए तीन स्थानों पर जमीन के अंदर तेल स्टोरेज सुविधा विकसित की गई है. जमीन के अंदर बने इन भारी-भरकम गुफाओं में भारत तो अपना तेल स्टोर करता ही है, अन्य देशों को भी यहां तेल स्टोर करने के लिए किराये पर देता है. (Image- isprlindia.com)
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तीन जगह हैं तेल की गुफाएं
भारतीय रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार लिमिटेड (ISPRL) ने कर्नाटक के मंगलुरू और पद्दूर और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) में जमीन के भीतर तीन भंडारण सुविधा विकसित की हैं. इन्हें तेल की सप्लाई और मांग में अंतर आने के दौरान कीमतों को स्थिर रखने के लिए तैयार किया गया है. विशाखापत्तनम के स्टोर की क्षमता 13 लाख टन है. (Image- isprlindia.com)
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मंगलुरू में तेल की गुफा
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